Top 10 Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स

Share:

इस Artical में आपको Top 10 Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स, का हिंदी और English lyrics दिया जा रहा है |

Top 10 Ravindra Jain Bhajan Lyrics | रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स

तू तो सब जाने रे तेरे से क्या छानी रे लिरिक्स, Tu To Sab Jane Re Lyrics
Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया | Ravindra Jain Bhajan Lyrics

यहाँ तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया लिरिक्स, Tu Tedha Teri Tedhi Re Lyrics, Ravindra Jain Bhajan Lyrics दिया गया है-

भजन- तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया

भजन गायक- रविन्द्र जैन

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,

मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया।।

मथुरा तेरो टेढ़ो, वृन्दावन तेरो टेढ़ो,
टेढ़ी रे तेरी गोकुल नगरिया।।

राधा तेरी टेढ़ी, बलदाऊ तेरे टेढ़े,

टेढ़ी रे तेरी यशोदा डुकरिया।।

मुकुट तेरो टेढो, लकुट तेरी टेढ़ी,

टेढ़ी रे श्याम तेरे मुख की मुरलिया।।

ओ टेढ़े तेरी, मुरली की धुन पे,

नाच नाच भई टेढ़ी रे कमरिया।।

गोपी सब टेढ़ी, ग्वाल सब टेढ़े,

टेढ़ी रे तेरे प्रेम की डगरिया।।

भक्त सब टेढ़े, भक्तानी सब टेढ़ी,

सीधी रे श्याम राधा गुजरिया।।

रूप के रसिया ते, रूप छिपाओ,

माखन मांगू तो आँखे दिखाओ,

टेढ़ो नवनितो का करूँ जे बताओ,

घी निकरे ना बिन टेढ़ी उँगरिया,

सीधे को नाए गुजारो री गुजरिया।।

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,

मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया।।

अन्य मनमोहक भजन-


राम भक्त ले चला रे राम की निशानी | Ravindra Jain Bhajan Lyrics

यहाँ राम भक्त ले चला रे राम की निशानी लिरिक्स, Raam Bhakt Le Chala Re Lyrics दिया गया है- भजन- राम भक्त ले चला रे राम की निशानी भजन गायक व संगीत- रविन्द्र जैन

Raam Bhakt Le Chala Re Lyrics
Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स

“प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि, सादर भरत शीश धरी लीन्ही ||”

राम भक्त ले चला रे, राम की निशानी,

शीश पर खड़ाऊँ, अखियों में पानी,

राम भक्त लें चला रे, राम की निशानी ||

शीश खड़ाऊ ले चला ऐसे, राम सिया जी संग हो जैसे |

अब इनकी छाव में, रहेगी राजधानी,

राम भक्त लें चला रे, राम की निशानी ||

पल छीन लागे सदियों जैसे, चौदह बरस कटेंगे कैसे |

जाने समय क्या खेल रचेगा, कौन मरेगा कौन बचेगा |

कब रे मिलन के फूल खिलेंगे, नदियाँ के दो पुल मिलेंगे |

जी करता है यहीं बस जाए, हिलमिल चौदह वरष बिताएं |

राम बिन कठिन है, इक घड़ी बितानी,

राम भक्त लें चला रे, राम की निशानी ||

तन मन बचन, उमंग अनुरागा, धीर धुरंधर, धीरज त्यागा |

भावना में बह चले, धीर वीर ज्ञानी,

राम भक्त लें चला रे, राम की निशानी ||

राम भक्त ले चला रे, राम की निशानी,

शीश पर खड़ाऊँ, अखियों में पानी,

राम भक्त लें चला रे, राम की निशानी ||

अन्य मनमोहक भजन-


ओ मैया तैने का ठानी मन में |Ravindra Jain Bhajan Lyrics

यहाँ ओ मैया तैने का ठानी मन में लिरिक्स, O Maiya Taine ka Thani Lyrics, Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स दिया गया है- भजन- ओ मैया तैने का ठानी मन में भजन गायक- रविन्द्र जैन

ओ मैया तैने का ठानी मन में लिरिक्स, O Maiya Taine ka Thani Lyrics
Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स

ओ मैया तैने का ठानी मन में,

राम सिया भेज दयी री बन में |

दीवानी तैने का ठानी मन में,

राम सिया भेज दयी री बन में ||

जदपि भरत तेरो ही जायो, तेरी करनी देख लजायो |

अपनो पत तैने आप गँवायो, भरत की नजरन में |

राम सिया भेज दयी री बन में ||

हठीली तैने का ठानी मन में, राम सिया भेज दयी री बन में ||

महल छोड़ वहाँ नहीं रे मड़ैया, सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया |

काहू वृक्ष तर भीजत होंगे, तीनों मेहन में |

राम सिया भेज दयी री बन में ||

दीवानी तैने का ठानी मन में, राम सिया भेज दयी री बन में ||

कौशल्या की छिन गयी बानी, रोय ना सकी उर्मिल दीवानी |

कैकेयी तू बस एक ही रानी, रह गयी महलन में,

राम सिया भेज दयी री बन में ||

ओ मैया तैने का ठानी मन में, राम सिया भेज दयी री बन में |

दीवानी तैने का ठानी मन में, राम सिया भेज दयी री बन में ||


आपको अयोध्या करती है आव्हान | Ravindra Jain Bhajan Lyrics

गायक :- रविन्द्र जैन भजन :- अयोध्या करती है आव्हान यहाँ आपको अयोध्या करती है आव्हान लिरिक्स, Ayodhya Karati Hai Avahan Lyrics दिया गया है:-

Ayodhya Karati Hai Avahan Lyrics
Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स

अयोध्या करती है आवाहन, ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

राम भूमि की जय हो, जन्म भूमि की जय हो,

राम लला की जय हो,

ओ ओ ओ अयोध्या करती है आवाहन,

ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

शिला की जगह लगा दे प्राण, बिठा दे वहां राम भगवान ||

सजग हो रघुवर की संतान, ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

हिन्दू है तो हिन्दुओ की आन मत जाने दे,

राम लला पे कोई आंच मत आने दे ||

कायर विरोधियो को शोर मचाने दे, जय श्री राम,

कायर विरोधियो को शोर मचाने दे, लक्ष्य पे रख तू ध्यान ||

अयोध्या करती है आवाहन, ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

मंदिर बनाने का पुराना अनुंबध है, सब तेरे साथ पूरा पूरा प्रबंध है ||

कार सेवको के बलिदान की सौगंध है,

जय श्री राम, कार सेवको के बलिदान की सौगंध है, बढ़ चल वीर जवान ||

अयोध्या करती हैं आवाहन, ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

इत शिवसेना उत बजरंग दल है, दुर्गावाहिनी में शक्ति प्रबल है ||

प्रण विश्वहिंदू परिषद का अटल है, जय श्री राम,

प्रण विश्वहिंदू परिषद का अटल है, जो हिमगिरि की चट्टान ||

अयोध्या करती है आवाहन, ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

जिस दिन राम का भवन बन जाएगा, उस दिन भारत में राम राज आएगा ||

राम भक्तो का ह्रदय मुस्काएगा, जय श्री राम,

राम भक्तो का ह्रदय मुस्काएगा, खिलते कमल समान ||

अयोध्या करती है आवाहन, ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

सजग हो रघुवर की संतान, ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

अयोध्या करती है आवाहन, ठाट से कर मंदिर निर्माण ||

अन्य मनमोहक भजन:-


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी | Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स

Top 10 Ravindra Jain Bhajan Lyrics
Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स

यहाँ Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics In Hindi, श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी दिया गया है –

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा |

पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा ||

बंदी गृह के तुम अवतारी, कहीं जन्मे कहीं पले मुरारी |

किसी के जाए किसी के कहाये, है अद्भुत हर बात तिहारी ||

गोकुल में चमके मथुरा के तारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा |

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा ||

अधर में बंशी ह्रदय में राधे, बट गए दोनों में आधे आधे |

हे राधा नागर हे भक्त वत्सल, सदैव भक्तो के काम साधे ||

वहीं गए जहाँ गए पुकारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा,

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा ||

गीता में उपदेश सुनाया, धर्म युद्ध को धर्म बताया |

कर्म तो कर मत रख, फल की इक्षा, ये सन्देश तुम्ही से पाया ||

अमर है गीता के बोल सारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा |

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा ||

राधे कृष्णा राधे कृष्णा, राधे राधे कृष्णा कृष्णा |

राधे कृष्णा राधे कृष्णा, राधे राधे कृष्णा कृष्णा ||

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा |

पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा ||

इसे भी पढ़ें:-


जब भी नैन मूंदो जब भी नैन खोलो | Ravindra Jain Bhajan Lyrics

जब भी नैन मूंदो, जब भी नैन खोलो,

राधे कृष्णा बोलो, राधे कृष्णा बोलो,

जय राधे कृष्णा, जय राधे कृष्णा, जय राधे कृष्णा हरे हरे ||

वृंदावन ब्रज की राजधानी, यहाँ बसे ठाकुर ठकुरानी,

मधुर मिलन की साक्षी देते, सेवा कुञ्ज और यमुना का पानी,

सेवा कुञ्ज और यमुना का पानी, पूण्य प्रेम रस में आत्मा भिगोलो,

जब भी नैन मुंदो जब भी नैन खोलो,

राधे कृष्णा बोलो राधे कृष्णा बोलो ||

कृष्ण राधिका एक है, इनमे अंतर नाही,

राधे को आराध लो, कृष्णा तभी मिल जाए,

प्रथक प्रथक कभी इनको ना तोलो,

जब भी नैन मुंदो जब भी नैन खोलो, राधे कृष्णा बोलो राधे कृष्णा बोलो ||

जब भी नैन मूंदो, जब भी नैन खोलो, राधे कृष्णा बोलो,

राधे कृष्णा बोलो जय राधे कृष्णा, जय राधे कृष्णा, जय राधे कृष्णा हरे हरे ||

 


सीताराम दरश रस बरसें | Ravindra Jain Bhajan Lyrics

सीताराम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी ||

“चहुं दिशि बरसें राम रस,

छायों हरस अपार, राजा रानी की करे,

सब मिल जय जयकार”

कौशल नंदन राजा राम, जानकी वल्लभ राजा राम,

जय सियाराम जय जय सियाराम।

ऐसे राम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी,

सीता राम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी, सावन की झड़ी,

प्यासे प्राणों पे पड़ी, ऐसे राम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी ||

राम लखन अनमोल नगीने, अवध अँगूठी में जड़ दिने,

राम लखन अनमोल नगीने, अवध अँगूठी में जड़ दिने,

सीता ऐसे सोहे जैसे मोती की लड़ी,

सीता राम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी ||

रामसिया को रुप निहारी, नाचे गावे सब नर नारी,

रामसिया को रुप निहारी, नाचे गावे सब नर नारी,

चल री दर्शन कर आवै, का सोचत खड़ी,

सीता राम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी ||

कौशल नंदन राजा राम, जानकी वल्लभ राजा राम,

जय सियाराम जय जय सियाराम।

रोम रोम को नैन बना लो, रामसिया के दर्शन पालो,

रोम रोम को नैन बना लो, रामसिया के दर्शन पालो,

बरसों पीछे आयी है ये मिलन की घड़ी,

सीता राम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी ||

ऐसे राम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी,

सीताराम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी,

सावन की झड़ी, प्यासे प्राणों पे पड़ी, ऐसे राम

दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी ||

कौशल नंदन राजा राम, जानकी वल्लभ राजा राम,

जय सियाराम जय जय सियाराम ||


राम कहानी सुनो रे राम कहानी | Ravindra Jain Bhajan Lyrics

राम कहानी सुनो रे राम कहानी,

कहत सुनत आवे आँखों में पानी,

श्री राम, जय राम, जय-जय राम ||

दशरथ के राज दुलारे, कौशल्या की आँख के तारे |

वे सूर्य वंश के सूरज, वे रघुकुल के उज्जयारे |

राजीव नयन बोलें मधुभरी वाणी |

राम कहानी सुनो रे राम कहानी ||

शिव धनुष भंग प्रभु करके, ले आए सीता वर के |

घर त्याग भये वनवासी, पित की आज्ञा सर धर के |

लखन सिया ले संग, छोड़ी रजधानी |

राम कहानी सुनो रे राम कहानी ||

खल भेष भिक्षु धर के, भिक्षा का आग्रह करके |

उस जनक सुता सीता को, छल बल से ले गया हर के |

बड़ा दुःख पावे राजा राम जी की रानी |

राम कहानी सुनो रे राम कहानी ||

श्री राम ने मोहे पठायो, मैं राम दूत बन आयो |

सीता माँ की सेवा में, रघुवर को संदेसा लायो |

और संग लायो, प्रभु मुद्रिका निसानी |

राम कहानी सुनो रे राम कहानी ||

राम कहानी सुनो रे राम कहानी,

कहत सुनत आवे आँखों में पानी,

श्री राम, जय राम, जय-जय राम ||


रामजी की सेना चली | Ravindra Jain Bhajan Lyrics

पापियों के नाश को, धर्मं के प्रकाश को,

रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली,

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली,

हर हर महादेव…

पाप अनाचार में, घोर अन्धकार में,

एक नई ज्योति जली, एक नई ज्योति जली,

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली,

निशिचर हीन करेंगे धरती, यह प्राण है श्री राम का,

जब तक काम न पूरण होगा नाम नही विश्राम का,

उसे मिटानें चलें के जिसका मं त्र वयम रक्षाम का,

समय आचाला निकट राम और रावण के संग्राम का

समय महा संग्राम का.

तीन लोक धन्य हैं, देवता प्रस्सन्न हैं,

आज मनोकामना फली, आज मनोकामना फली

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली,

हर हर महादेव…..

रामचन्द्रजी के संग लक्ष्मण कर में लेकर बाण चले,

लिए विजय विश्वास ह्रदय में संग वीर हनुमान चले,

सेना संग सुग्रीव, नील, नल, अंगद छाती तान चले,

उसे बचाए कौन के जिसका वध कराने भगवान चले,

वध कराने भगवान चले, आगे रघुनाथ हैं,

वीर साथ साथ हैं एक से एक बलि,

एक से एक बलि श्री रामजी की सेना चली,

रामजी की सेना चली, प्रभु लंका पर डेरा डाले,

जब महासागर पार हो, कब हो सफल अभियान हमारा,

कब सपना साकार हो, पाप अनीति मिटे धरती से,

धर्मं की जाया जाया कार हो, कब हो विजयी राम हमारे,

कब रावण की हार हो, कब रावण की हार हो,

राम जी से आस है, राम पे विश्वास है,

राम जी करेंगे भली, राम जी करेंगे भली,

श्री रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली,

हर हर महादेव, हर हर महादेव,

जाया भवानी, जाया भवानी, जाया भवानी


आशा करता हूँ की यह Top 10 Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स जरुर पसंद आया होगा अगर आपको यह Top 10 Ravindra Jain Bhajan Lyrics, रविन्द्र जैन भजन लिरिक्स भजन पसंद आया हो तो – बॉलीवुड सोंग नोटेशन, सुपरहिट भजनों नोटेशन, लोकगीतों के हिंदी नोटेशन, हिन्दुस्तानी संगीत से सम्बन्धी व्याख्याओं और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स के रिव्यु से जुडी जानकारी पाने के लिए follow बटन पर क्लिक करके “www.sursaritatechknow.com” को  जरूर follow करें |


छोटे रसोई उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, जैसे मिक्सर ब्लेंडर, कूकर, ओवन, फ्रिज, लैपटॉप, मोबाइल फोन और टेलीविजन आदि सटीक तुलनात्मक विश्लेषण के लिए उचित कीमत आदि जानने के लिए क्लिक करें – TrustWelly.com पवन शास्त्री ( सुर सरिता भजन )


Share: