राग पूरियाधनाश्री Raag PuriyaDhanashri Bandish, Alaap and Taan

राग पूरिया धनाश्री | Raag PuriyaDhanashri Bandish, Alaap and Taan

राग पूरियाधनाश्री Raag PuriyaDhanashri Bandish, Alaap and Taan
राग पूरियाधनाश्री, Raag PuriyaDhanashri Bandish, Alaap and Taan

राग पूरियाधनाश्री परिचय

थाट- पूर्वी
वादी – संवादी :- गंधार (ग) – निषाद (नि)
जाति-सम्पूर्ण-सम्पूर्ण
विकृत स्वर -रे-ध कोमल, म तीव्र
वर्ज्य स्वर – कोई नहीं
गायन समय – संध्याकाल
आरोह –  .नि रे ग म’ प, प, नि सां |
अवरोह – रें नि प, म’ ग, म’ रे ग, रे सा|
पकड़ –  .नि रे ग, म’ प, प, म’ ग, म’ रे ग, म’ ग रे सा|

राग पूरियाधनाश्री विशेषता:-

ये संध्याकालीन राग है |

इस राग में   म’ ग ,  म’ रे ग  की संगती का प्रयोग बार बार किया जाता है |

यह एक चंचल प्रकृति का राग है |


राग पूरियाधनाश्री बंदिश छोटा ख्याल – तीनताल (मध्यलय)

राग पूरियाधनाश्री Raag PuriyaDhanashri Bandish, Alaap and Taan
राग पूरियाधनाश्री, Raag PuriyaDhanashri Bandish, Alaap and Taan

स्थाई ;-

प  –     ग | म’ रें नि  |   –  प  प | –  प –  प |
पा S य लि |  या S झ न |  का S S र | मो S री S|

म’ म’ म’ ग | म’  रे  ग –  | म’  रे  ग म’| ग रे सा  –  |
झ   न   न झ  |  न न बा  S | जे S  झ न |   का S री S ।

अन्तरा ;-

म’ म’  ग ग | म’ –    –  | सां सां सां सां | रें  –  सां  –  |
पि या स म | झा S ऊं S | स   म  झ   त |ना S हीं S |

नि रें गं रें | नि रें सां  – | नि नि रें | नि नि प |
सा S स न | नं द मो S | री S दें S | गी गा S री  ।

राग पूरियाधनाश्री आलाप:-

.नि रे ग S , म’ प S,  ग म’ S नि S प,  म’ प S , ग म’ S , ग S , म’ रे ग S , म’ ग रे सा S S .नि रे ग S म’ ,  नि सां S S ,  रें नि S, प म’ ग, म’ रे ग S S, म’ ग रे सा S S,   .नि .  S .नि रे सा S S|

राग पूरियाधनाश्री तानें: –

1 –  .निरे गम’ नि सांरें निपम’ गम’ रेग म’ग रेसा |

2- गग म’ नि पम’ रेग  म’ग रेरेसा |

3- .निरे गम’ नि प म’ग म’रे गग रेसा |

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