Top 10 Laxmi Mata Bhajan Lyrics लक्ष्मी माता भजन | Laxmi Ji Ke Bhajan

इस Article में आपको Top 10 Laxmi Mata Bhajan Lyrics, लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स, Laxmi Ji Ke Bhajan Lyrics, आरती व चालीसा का हिंदी और English LYRICS भी दिया जा रहा है  |

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लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स | Top 10 Laxmi Mata Bhajan Lyrics | Laxmi Ji Ke Bhajan Lyrics


यहाँ – लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स, Top 10 Lakshmi Mata Bhajan Lyrics दिया गया है- भजन -​​ लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स

1. लक्ष्मी मैया मेरे घर को पावन करो

Lakshmi Mata Bhajan Lyrics - लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स
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भजन -​​ लक्ष्मी मैया मेरे घर को पावन करो लिरिक्स

पा मा जी पी पा मा जी रेनी रे में पा जी

लक्ष्मी मैया मेरे घर में अपने कदम कुमकुम से भर दो,
लक्ष्मी मैय्या मेरे घर को पावन बनाओ ||

खाली खजाना अपनी महिमा से भर दो,
लक्ष्मी मैय्या, मेरे घर को शुद्ध करो ||

मैंने इसे कई सालों तक अपने दिल में रखा है,
एक दिन मेरी माँ घर आएगी ||

तेरे आँचल का साया हमको मिलेगा,
हमारे बच्चों पर अपना प्यार बरसाएगी ||

काश… अब हमारी माँ को पूरा करो,
लक्ष्मी मैय्या मेरे घर को पावन बनाओ
जय हो लक्ष्मी माँ जय हो लक्ष्मी माँ ||

जिस घर में मां लक्ष्मी आती हैं,
वहां सभी भंडार रत्नों से भर जाते हैं ||

आपकी कृपा से यश और कीर्ति मिले,
नम्रता सब भ्रमों से मिट जाए ||

आने में देर मत करना, हे माँ लक्ष्मी मैय्या,
मेरे घर को पावन बनाओ ||

माँ, जो भक्त आपके दर्शन पर आते हैं,
उनका जीवन सफल होगा,

माँ हमने तुम्हें नौ रास्तों में रखा है ||
एक झलक देकर माँ नैनो की लालसा को हराने वाली
लक्ष्मी मैय्या मेरे घर को पावन बनाओ ||

सहगान भाग: जय हो लक्ष्मी माँ… जय हो लक्ष्मी माँ सभी पुराणों में लिखा है,
हे माता, तुम हर घर में एक बार आती हो,

माता जिन पर आपकी माता की कृपा होती है,
उन पर माता की वर्षा होती है सुख-समृद्धि ||

मैया… हमारी विनती स्वीकार करो,
लक्ष्मी मैय्या, मेरे घर को पावन बनाओ ||

आपकी महिमा दुनिया में खुशियां लाए,
आपकी कृपा से फूल खिले सबके चेहरे पर मुस्कान हो माँ,

आपकी कृपा से सारी लाचारी दूर हो जाती है ||
मेरी माँ… हमारी भी ज़रूरत पूरी करो,

लक्ष्मी मैय्या मेरे घर को पावन बनाओ ||

मेरे घर में अपने कदम कुमकुम से भर दो,
लक्ष्मी मैय्या मेरे घर को पावन बनाओ खाली

खजाना अपनी महिमा से भर दो, लक्ष्मी मैय्या, मेरे घर को शुद्ध करो ||


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  5. लक्ष्मी यंत्र
  6. Devotional Music Box
  7. Devotional Gift Set
  8. पूजन सामग्री

2. लक्ष्मी माँ तेरे बिना मान ना मिलें

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यहाँ – लक्ष्मी माँ तेरे बिना मान ना मिलें लिरिक्स दिया गया है-

भजन -​​

लक्ष्मी माँ तेरे बिना मान ना मिलें लिरिक्स
जय महालक्ष्मी, जय महालक्ष्मी,
जय महालक्ष्मी, जय महालक्ष्मी,

लक्ष्मी माँ तेरे बिना, मान ना मिलें,
मान ना मिले माँ, सम्मान ना मिले ||
पैसे बिना कोई, काम नहीं होता,
काम नहीं होता कहीं, नाम ना होता,
धन के बिना तो, पहचान ना मिले,
मान ना मिले माँ, सम्मान ना मिले,
लक्ष्मी माँ तेरे बिना, मान ना मिलें,
मान ना मिले मां, सम्मान ना मिले ||

तुम ही धनवर, छाँव करती हो,
निर्धन की, झोली भरती हो,
तेरी दया बिना, वरदान ना मिले,
मान ना मिले माँ, सम्मान ना मिले,
लक्ष्मी माँ तेरे बिना, मान ना मिलें,

मान ना मिले मां, सम्मान ना मिले ||
पूजा करते, देव तुम्हारी, ऊमा रमा,
तुम पर बलिहारी, नाम के बिना तो कहीं,
दान ना मिले, मान ना मिले माँ,
सम्मान ना मिले, लक्ष्मी माँ तेरे बिना,
मान ना मिलें, मान ना मिले मां, सम्मान ना मिले ||
माँ सबके, भंडारे भरना, तुम बिन क्या, जीना क्या मरना,
पैसे बिना दुनियाँ में, ज्ञान ना मिले,

मान ना मिले माँ, सम्मान ना मिले, 

लक्ष्मी माँ तेरे बिना, मान ना मिलें,
मान ना मिले माँ, सम्मान ना मिले ||
पैसे बिना कोई, काम नहीं होता,
काम नहीं होता कहीं, नाम ना होता,
धन के बिना तो, पहचान ना मिले,
मान ना मिले माँ, सम्मान ना मिले,
लक्ष्मी माँ तेरे बिना, मान ना मिलें,
मान ना मिले मां, सम्मान ना मिले ||


3. माँ लक्ष्मी मेरे घर मे लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स

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माँ लक्ष्मी मेरे घर मे माँ लक्ष्मी मेरे घर मे,
कृपा तेरी जो हो जाए कृपा तेरी जो हो जाए
अंधियारे दुखो के मिटे अंधियारे दुखो के मिटे,
उजाला घर मेरे हो जाए उजाला घर मेरे हो जाए
माँ लक्ष्मी मेरे घर मे माँ लक्ष्मी मेरे घर मे,
कृपा तेरी जो हो जाए कृपा तेरी जो हो जाए |
माँ लक्ष्मी मेरे घर मे ||

अंतहीन लीला है तुम्हारी रूप भी मात अनेक
रूप भी मात अनेक दूर करो निर्धनता को
माँ बदल के भाग्य कि रेख बदल के भाग्य कि रेख ||

भंडार खुशी से भरे भंडार खुशी से भरे,
दया दृष्टि जो हो जाए दया दृष्टि जो हो जाए
माँ लक्ष्मी मेरे घर मे माँ लक्ष्मी मेरे घर मे,
कृपा तेरी जो हो जाए कृपा तेरी जो हो जाए |
माँ लक्ष्मी मेरे घर मे ||

शीश झुका कर चरणो मे माँ तुमसे करे अरदास
तुमसे करे अरदास स्वप्न हमारे सब सच होंगे मन मे है विश्वास
मन मे है विश्वास जीवन हो सुख का सार जीवन हो सुख का सार,
तेरी अनुकम्पा जो हो जाए तेरी अनुकम्पा जो हो जाए ||

माँ लक्ष्मी मेरे घर मे माँ लक्ष्मी मेरे घर मे,
कृपा तेरी जो हो जाए कृपा तेरी जो हो जाए माँ लक्ष्मी मेरे घर मे ||
तेरे चरणों की रज है पारस कुन्दन तन करदे कुन्दन तन करदे
पान करे जो चरणामृत तो पावन मन करदे पावन मन करदे.


नयनन कि प्यास बुझे नयनन कि प्यास बुझे,
दरश तेरा जो हो जाये दरश तेरा जो हो जाए ||
माँ लक्ष्मी मेरे घर मे माँ लक्ष्मी मेरे घर मे,
कृपा तेरी जो हो जाए कृपा तेरी जो हो जाए | माँ लक्ष्मी मेरे घर मे ||

जिसके सर पे हाथ हो तेरा भटके ना राह कभी
भटके ना राह कभी तेरे भक्तो के
माता लक्ष्मी सिद्ध हो काज सभी सिद्ध हो काज सभी
विनती है माँ इतनी विनती है माँ इतनी,
मनोरथ पूरण हो जाए मनोरथ पूरण हो जाए
माँ लक्ष्मी मेरे घर मे माँ लक्ष्मी मेरे घर मे,
कृपा तेरी जो हो जाए कृपा तेरी जो हो जाए माँ लक्ष्मी मेरे घर मे ||


4. माँ वैभव लक्ष्मी आरती – ॐ वैभव लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स

Vaibhav Laxmi Aarti Lyrics
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भजन -​​ 

माँ वैभव लक्ष्मी आरती लिरिक्स

ॐ वैभव लक्ष्मी माता मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||
ॐ वैभव लक्ष्मी माता मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||

लक्ष्मी माँ का नाम जो लेता सुख सम्पति पाता ||
मैया सुख सम्पति पाता ||
दुःख दरिद्र मिटता दुःख दरिद्र मिटता बांछित फल पाता
ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||

ॐ वैभव लक्ष्मी माता मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||

लक्ष्मी माता तू जग माता जग पालक रानी मैया जग पालक रानी ||
हाथ जोड़ गुण गाते हाथ जोड़ गुण गाते जग के सब प्राणी
ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||

ॐ वैभव लक्ष्मी माता मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||

हे माँ तेरी शरण जो आता
तेरी भक्ति पाता मैया तेरी भक्ति पाता ||
माँ तेरी ममता पा के माँ तेरी ममता पा के
अंत स्वर्ग जाता ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||
ॐ वैभव लक्ष्मी माता मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||

ॐ वैभव लक्ष्मी माता मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||
ॐ वैभव लक्ष्मी माता मैया वैभव लक्ष्मी माता
भक्तों के हितकारिनी भक्तों के हितकारिनी
सुख वैभव दाता ॐ वैभव लक्ष्मी माता ||


5. श्री लक्ष्मी अमृतवाणी | लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स

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भजन -​​ 

विश्वप्रिया कमलेश्वरी, लक्ष्मी दया निधान,
तिमिर हरो अज्ञान का, ज्ञान का दो वरदान।
आठो सिद्धिया द्वार तेरे, खड़ी है माँ कर जोड़,
निज भक्तन की नाँव को, तट की ओर तू मोड़।
निर्धन हम लाचार बड़े, तू है धन का कोष,
सुख की वर्षा करके माँ, हर लो दुःख का दोष।
(जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता,
जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता। )

जीवन चंदा को मैया, ग्रहण लगा घनघोर,
डगमग डोले पग हमरे, हम मानव कमज़ोर,
महासुखदाई नाम तेरा, कर कष्टों का अंत
वनस्थली जैसी ये काया, दे दो इसे बसंत
दिव्य रूप नारायणी, पारस है तेरा धाम,
तेरे सुमिरन से होते, संतन के सिद्ध काज।
(जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता,
जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता। )

स्वर्ण सी तेरी कांति, भय का करती नाश,
तेरी करुणा से टूटे, हर जंजाल का पाश,
मैया शोक विनाशिनी, ऐसा करो उपकार,
जीवन नौका हो जाए, भवसिंधु से पार,
शेष की सैया बैठ के, सकल विश्व को देख,
तेरी दृष्टि में मैया, हर मस्तक की रेख।
(जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता,
जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता। )

सिंधु सुता भागेश्वरी, दीजो भाग्य जगाय,
तज के जग को हम तेरी, शरण गए हैं आय,
तू बैकुंठ निवासिनी, हम नरकों के जीव
प्राणहीन ये देह कहे, कर दो हमें सजीव,
कमला वैभव लक्ष्मी, सुख सिद्धि तेरे पास,
सागर तट पे हम प्यासे, मैया बुझा दो प्यास।
(जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता,
जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता। )

धन धान्य से घर हमरे, सदा रहे भरपूर,
हर्ष के फूल खिलाय के, कांटे कर दो दूर,
तेरी अलौकिक माया से, भागे दुःख संताप,
रोम रोम माँ करे तेरा, मंगलकारी जाप,
हर की है अर्धांगिनी, कृपा की दृष्टि कर,
अन्न धन संपत्ति से माँ भरा रहे ये घर,
(जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता,
जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता। )

सागर मंथन से प्रकटी, ज्योति अपरम्पार,
मन से चिंतन हम करे, सबकी चिंता हार,
मन से चिंतन हम करे, सबकी चिंता हार,
मन से चिंतन हम करे, सबकी चिंता हार,
(जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता,
जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता। )


6. श्री लक्ष्मी चालीसा लिरिक्स

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॥ दोहा॥

मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥

॥ सोरठा॥
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥


॥ चौपाई ॥

सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।
ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥

तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदम्बा। सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥1॥

तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥3॥

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥4॥

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥6॥

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥

तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥

ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥

पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥12॥

पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥13॥

बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥14॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥15॥

जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥16॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥17॥

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥18॥

रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥


॥ दोहा॥

त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।
जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥

रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥


7. ओम जय लक्ष्मी माता | Laxmi Mata Bhajan Lyrics

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ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥


ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥


 

8. लक्ष्मी स्तोत्रं लिरिक्स | लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स

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सिंहासनगत: शक्रस्सम्प्राप्य त्रिदिवं पुन: |
देवराज्ये स्थितो देवीं तुष्टावाब्जकरां तत: ||1||

इन्द्र उवाच

नमस्ये सर्वलोकानां जननीमब्जसम्भवाम्|
श्रियमुन्निद्रपद्माक्षीं विष्णुवक्ष:स्थलस्थिताम्||2||


पद्मालयां पद्मकरां पद्मपत्रनिभेक्षणाम्|
वन्दे पद्ममुखीं देवीं पद्मनाभप्रियामहम्||3||

त्वं सिद्धिस्त्वं स्वधा स्वाहा सुधा त्वं लोकपावनी |
सन्ध्या रात्रि: प्रभा भूतिर्मेधा श्रद्धा सरस्वती ||4||

यज्ञविद्या महाविद्या गुह्यविद्या च शोभने |
आत्मविद्या च देवि त्वं विमुक्तिफलदायिनी ||5||

आन्वीक्षिकी त्रयी वार्ता दण्डनीतिस्त्वमेव च |
सौम्यासौम्यैर्जगद्रूपैस्त्वयैत्तद्देवि पूरि

का त्वन्या त्वामृते देवि सर्वयज्ञमयं वपु: |
अध्यास्ते देवदेवस्य योगिचिन्त्यं गदाभृत: ||7||

त्वया देवि परित्यक्तं सकलं भुवनत्रयम्|
विनष्टप्रायमभवत्त्वयेदानीं समेधितम्||8||


दारा: पुत्रास्तथागारसुहृद्धान्यधनादिकम्|
भवत्येतन्महाभागे नित्यं त्वद्वीक्षणान्नृणाम्||9||

शरीरारोग्यमैश्वर्यमरिपक्षक्षय: सुखम् |
देवि त्वद्दृ्ष्टिदृष्टानां पुरुषाणां न दुर्लभम् ||10||

त्वं माता सर्वलोकानां देवदेवो हरि: पिता |
त्वयैतद्विष्णुना चाम्ब जगद्व्याप्तं चराचरम् ||11||

मा न: कोशं तथा गोष्ठं मा गृहं मा परिच्छदम् |
मा शरीरं कलत्रं च त्यजेथा: सर्वपावनि ||12||

मा पुत्रान्मा सुहृद्वर्गं मा पशून्मा विभूषणम् |
त्यजेथा मम देवस्य विष्णोर्वक्ष:स्थलालये ||13||

सत्त्वेन सत्यशौचाभ्यां तथा शीलादिभिर्गुणै: |
त्यज्यन्ते ते नरा: सद्य: सन्त्यक्ता ये त्वयामले ||14||


त्वया विलोकिता: सद्य: शीलाद्यैरखिलैर्गुणै: |
कुलैश्वर्यैश्च युज्यन्ते पुरुषा निर्गुणा अपि ||15||

स श्लाघ्य: स गुणी धन्य: स कुलीन: स बुद्धिमान्|
स शूर: स च विक्रान्तो यस्त्वया देवि वीक्षित: ||16||

सद्यो वैगुण्यमायान्ति शीलाद्या: सकला गुणा: |
पराड़्मुखी जगद्धात्री यस्य त्वं विष्णुवल्लभे ||17||

न ते वर्णयितुं शक्ता गुणांजिह्वापि वेधस: |
प्रसीद देवि पद्माक्षि मास्मांस्त्याक्षी: कदाचन ||18||

श्रीपराशर उवाच

एवं श्री: संस्तुता सम्यक् प्राह देवी शतक्रतुम् |
श्रृण्वतां सर्वदेवानां सर्वभूतस्थिता द्विज ||19||

परितुष्टास्मि देवेश स्तोत्रेणानेन ते हरे |
वरं वृणीष्व यस्त्विष्टो वरदाहं तवागता ||20||

इन्द्र उवाच

वरदा यदि मे देवि वरार्हो यदि वाप्यहम् |
त्रैलोक्यं न त्वया त्याज्यमेष मेsस्तु वर: पर: ||21||

स्तोत्रेण यस्तथैतेन त्वां स्तोष्यत्यब्धिसम्भवे |
स त्वया न परित्याज्यो द्वितीयोsस्तु वरो मम ||22||

श्रीरुवाच

त्रैलोक्यं त्रिदशश्रेष्ठ न सन्त्यक्ष्यामि वासव |
दत्तो वरो मया यस्ते स्तोत्राराधनतुष्टया ||23||

यश्च सायं तथा प्रात: स्तोत्रेणानेन मानव: |
मां स्तोष्यति न तस्याहं भविष्यामि पराड़्मुखी ||24||


||इति श्रीविष्णुमहापुराणे श्रीलक्ष्मी स्तोत्रं सम्पूर्णम्||


9. माँ की हर बात निराली है | लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स

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श्लोक –
पास की सुनती है
दूर की सुनती है,
गुमनाम के संग संग,
मशहूर की सुनती है,
माँ तो आखिर माँ है,
माँ के भक्तो,
माँ तो हर,
मजबूर की सुनती है ||

माँ की हर बात निराली है,
बात निराली है,
की हर करामात निराली है,
मां की हर बात निराली है,
महादाती से सब को मिली,
सौगात निराली है,
मां की हर बात निराली है ||


वक्त की चाल बदले,
दुःख की जंजाल बदले,
इसके चरणों में झुक कर,
बड़े कंगाल बदले,
यहाँ जो आये सवाली,
कभी वो जाए ना खाली,
यह लाती पतझड़ में भी,
हर चमन में हरियाली,
काली रातो में लाती,
प्रभात निराली है,
मां की हर बात निराली है ||

दया जब इसकी होती,
तो कंकर बनते मोती,
जिसे यह आप जगादे,
ना फिर किस्मत वो सोती,
गमो से घिरने वाले,
बड़े इस माँ ने संभाले,
फसे मझदार में बेड़े,
इसी ने बाहर निकाले,
इसकी मीठी ममता की,
बरसात निराली है,
मां की हर बात निराली है ||


दुःख काटती है ये,
सुख बांटती है ये,
हमे पालती है ये दिनरात ही,
जादू इसका अजीब,
देखो होके करीब,
ये तो बदले नसीब दिन रात ही,
इस की रहमत,
हर निर्दोष के साथ निराली है,
मां की हर बात निराली है ||

मां की हर बात निराली है,
बात निराली है,
की हर करामात निराली है,
मां की हर बात निराली है,
महादाती से सब को मिली,
सौगात निराली है,
माँ की हर बात निराली है ||


10. मेरे घर आना माँ | लक्ष्मी माता भजन लिरिक्स

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जय हो माँ, जय हो माँ,

जय हो माँ,

मेरे घर आना माँ लक्ष्मी, फूलोंं पे चलकर,

मेरे घर आना मां लक्ष्मी, फूलोंं पे चलकर।

मेरे घर में माँ धन की कमी है,

धन बरसना माँ लक्ष्मी फूलों पे चलकर,

मेरे घर आना माँ लक्ष्मी, फूलोंं पे चलकर,

मेरे घर आना मां लक्ष्मी, फूलोंं पे चलकर।

तुम बिन आये ना सुख समृद्धि,

सुख बरसना माँ लक्ष्मी फूलों पे चलकर,

मेरे घर आना माँ लक्ष्मी, फूलोंं पे चलकर,

मेरे घर आना मां लक्ष्मी, फूलोंं पे चलकर।

तुम बिन मिलता ना यश ऐश्वर्य,

नाम चमकाना माँ लक्ष्मी फूलों पे चलकर,

मेरे घर आना माँ लक्ष्मी फूलों पे चलकर॥

मेरे घर में रहे वास तुम्हारा,

फिर नही जाना माँ लक्ष्मी फूलों पे चलकर,

मेरे घर आना माँ लक्ष्मी, फूलोंं पे चलकर,

मेरे घर आना मां लक्ष्मी, फूलोंं पे चलकर।


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पवन शास्त्री ( सुर सरिता भजन )

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