इस Artical में आपको 15+ Maa Saraswati Bhajan Lyrics, सरस्वती माता भजन लिरिक्स का Hindi lyrics दिया जा रहा है|
Top 15+ Saraswati Bhajan Lyrics, सरस्वती माता भजन लिरिक्स
- माँ सरस्वती शारदे लिरिक्स
- मेरे कंठ बसो महारानी लिरिक्स
- या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
- नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
- हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
- हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी अम्ब विमल
- सरस्वती माँ भजन लिरिक्स
- हे वीणा वादिनी सरस्वती
- माँ सरस्वती तेरे चरणों में
- वर दे वीणावादिनि वर दे
- 25 सरस्वती के इन मंत्रों का करें जाप
- हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ
- जयति जय माँ जय सरस्वती
- करुणा मयी माँ आपका लिरिक्स
- माँ शारदे माँ शारदे लिरिक्स
- करुणामयी वरदायनी माँ सरस्वती
- मेरी माँ शारदे तू स्वर को सजाने आजा
- फ़िल्मी तर्ज – तेरे नाम का दीवाना
एवं कुछ लोकप्रिय माँ सरस्वती भजन, Saraswati Bhajan Lyrics:
मेरे कंठ बसो महारानी | सरस्वती माता भजन लिरिक्स
यहाँ – मेरे कंठ बसो महारानी लिरिक्स दिया गया है-
भजन - मेरे कंठ बसो महारानी लिरिक्स
मेरे कंठ बसो महारानी,
ना मैं जानू पूजा तेरी,
ना मैं जानू महिमा तेरी,
मैं मूरख अज्ञानी,
मेरे कंठ बसो महारानी ||
सुर में ताल में लय और राग में,
तुम ही हो रागिनी माँ,
सात सुरो की हो वरदानी,
माँ शारदे वीणा पाणी,
मेरे कंठ बसो महारानी ||
ब्रम्हा जी की हो ब्रम्हाणी,
लक्ष्मी हो विष्णु प्रिया हो,
काली गौरी दुर्गा भी हो,
तुम हो शिव की शिवानी,
मेरे कंठ बसो महारानी ||
जब भी गाउँ महिमा तुम्हारी,
ना बहकु ना भटकु,
लख्खा सुनाये प्रेम से सबको,
तेरी अमर कहानी,
मेरे कंठ बसो महारानी ||
मेरे कंठ बसो महारानी,
ना मैं जानू पूजा तेरी,
ना मैं जानू महिमा तेरी,
मैं मूरख अज्ञानी,
मेरे कंठ बसो महारानी ||
अन्य बेहतरीन भजन:-
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला – सरस्वती माता भजन लिरिक्स
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ||
आशासु राशीभवदंगवल्ली
भासैव दासीकृतदुग्धसिन्धुम्
मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दुं
वन्देSरविन्दासनसुन्दरि त्वाम् ||
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं लिरिक्स
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे लिरिक्स
शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे
सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं क्रियात् ||
सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम्
देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जना: ||
पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्न: सरस्वती
प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या ||
वीणाधरे विपुलमंगलदानशीले
भक्तार्तिनाशिनि विरण्चिहरीशवन्द्ये।
कीर्तिप्रदेSखिलमनोरथदे महार्हे
विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम् ||
श्वेताब्जपूर्णविमलासनसंस्थिते हे
श्वेताम्बरावृतमनोहरमंजुगात्रे
उद्यन्मनोज्ञसितपंकजमंजुलास्ये
विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम् ||
मातस्त्वदीयपदपंकजभक्तियुक्ता
ये त्वां भजन्ति निखिलानपरान्विहाय।
ते निर्जरत्वमिह यान्ति कलेवरेण्
भूवह्निवायुगगनाम्बुविनिर्मितेन ||
मोहान्धकारभरिते हृदये मदीये
मात: सदैव कुरु वासमुदारभावे
स्वीयाखिलावयवनिर्मलसुप्रलाभि:
शीघ्रं विनाशय मनोगतमन्धकारम् ||
ब्रह्मा जगत् सृजति पालयतीन्दिरेश:
शम्भुर्विनाशयति देवि तव प्रभावै:।
न स्यात्कृपा यदि तव प्रकटप्रभावे
न स्यु: कथंचिदपि ते निजकार्यदक्षा: ||
सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:
वेदवेदान्तवेदांगविद्यास्थानेभ्य एव च ||
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोSस्तु ते ||
यदक्षरं पदं भ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत्
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि ||
ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी लिरिक्स | Saraswati Bhajan Lyrics
ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम्कारी
वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा॥
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि।
तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो | सरस्वती माता भजन लिरिक्स
यहाँ – हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो लिरिक्स दिये गये है –
भजन – हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो लिरिक्स
गायक – जया किशोरी
फ़िल्मी तर्ज – होंठो से छू लो तुम
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो,
में गीत सुनाती हूँ संगीत की शिक्षा दो ||
सरगम का ज्ञान नही,
ना लय का ठिकाना है,
तुम्हे आज सभा में माँ,
हमे दरश दिखाना है |
संगीत समंदर से सुरताल हमें दे दो ||
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो,
में गीत सुनाती हूँ संगीत की शिक्षा दो ||
शक्ति ना भक्ति है,
सेवा का ज्ञान नही,
तुम्हे आज सुनाने को,
कोई सुन्दर गान नही |
गीतों के खजानो से,
एक गीत मुझे दे दो ||
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो,
में गीत सुनाती हूँ संगीत की शिक्षा दो ||
अज्ञान ग्रसित होकर,
क्या गीत सुनाऊ में,
टूटे हुए शब्दो से,
क्या स्वर को सजाऊँ में |
तू ज्ञान का स्त्रोत बहा,
माँ मुझपे दया कर दो ||
हे स्वर की देवी मा वाणी में मधुरता दो,
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो,
में गीत सुनाती हूँ संगीत की शिक्षा दो ||
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
यहा हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी अम्ब विमल मति दे लिरिक्स, Saraswati Bhajan Lyrics दिया गया है-
हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे,
अम्ब विमल मति दे ||
जग सिरमौर बनाएँ भारत,
वह बल विक्रम दे,
वह बल विक्रम दे॥
हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे,
अम्ब विमल मति दे ||
साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे ||
स्वाभिमान भर दे,
स्वाभिमान भर दे ||
हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे,
अम्ब विमल मति दे ||
लव-कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम,
सीता, सावित्री, दुर्गा मां |
फिर घर-घर भर दे,
फिर घर-घर भर दे ||
हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे,
अम्ब विमल मति दे ||
अज्ञानता से हमें तारदे माँ लिरिक्स
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे,
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे |
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी,
वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी |
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे,
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे |
मनसे हमारे मिटाके अँधेरे,
हमको उजालों का संसार दे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
जयति जय माँ जय सरस्वती | सरस्वती माता भजन लिरिक्स
जयति जय माँ जय सरस्वती लिरिक्स –
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा धारिणी ||
जयति जय पद्मासन माता,
जयति शुभ वरदायिनी |
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा धारिणी ||
जगत का कल्याण कर माँ,
तुम हो वीणा वादिनी |
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा धारिणी ||
कमल आसन छोड़ कर आ,
देख मेरी दुर्दशा मां |
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा धारिणी ||
ग्यान की दरिया बहा दे,
हे सकल जगतारणी |
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा धारिणी ||
करुणा मयी माँ आपका | Saraswati Bhajan Lyrics
करुणा मयी माँ आपका,
हमको सदा आधार हो |
आपकी भक्ति से ही माँ,
परिपूर्ण ये संसार हो ||
करुणा मयी माँ आपका,
हमको सदा आधार हो |
आपकी भक्ति से ही माँ,
परिपूर्ण ये संसार हो ||
करुणा मयी माँ आपका…
माता पिता बंधु सखा,
माँ ज्ञान हो माँ प्राण हो |
मात्मा परमात्मा,
इस जग की पालन हार हो ||
करुणा मयी माँ आपका,
हमको सदा आधार हो |
आपकी भक्ति से ही माँ,
परिपूर्ण ये संसार हो ||
करुणा मयी माँ आपका…
अहंकार प्रति अहंकार से,
हमको बचाना माँ सदा |
शुद्ध और निर्मल हमारा,
सर्वदा आचार हो ||
करुणा मयी माँ आपका,
हमको सदा आधार हो |
आपकी भक्ति से ही माँ,
परिपूर्ण ये संसार हो ||
करुणा मयी माँ आपका…
प्रेम और आनंद से,
हम गीत गाये आपके |
हर दिल में बहता आपका ही,
प्रेम पारावार हो ||
करुणा मयी माँ आपका,
हमको सदा आधार हो |
आपकी भक्ति से ही माँ,
परिपूर्ण ये संसार हो ||
करुणा मयी माँ आपका…
आपके आशीष से ही,
बह चली है सहज धारा |
इस लोक से ब्रम्ह लोक तक,
आपकी जयकार हो ||
करुणा मयी माँ आपका,
हमको सदा आधार हो |
आपकी भक्ति से ही माँ,
परिपूर्ण ये संसार हो ||
करुणा मयी माँ आपका…
वंदना कर सुमिरन करें,
पूजन करें माँ आपका |
सहज ज्योति से सदा,
रोसन सहज परिवार हो ||
करुणा मयी माँ आपका,
हमको सदा आधार हो |
आपकी भक्ति से ही माँ,
परिपूर्ण ये संसार हो ||
करुणा मयी माँ आपका…
करुणामयी वरदायिनी | Saraswati Bhajan Lyrics
माँ सरस्वती माँ सरस्वती
मेरी माँ शारदे तू स्वर को सजाने आजा लिरिक्स
मेरी मां शारदे, तू स्वर को सजाने आजा,
आज की रात माँ वीणा को बजाने आजा,
आजा आजा आजा ओ आजा,
मुझे विश्वास है मा तू तो जरूर आऐगी,
आके मां तू तो वीणा भी बजाऐगी,
भक्ति क्या है, जमाने को दिखाने आजा,
आज की रात, माँ वीणा को बजाने आजा
मेरी मां शारदे, तू स्वर को सजाने आजा,
आज की रात माँ वीणा को बजाने आजा
आजा आजा आजा ओ आजा
तेरी वीणा की धुन, सबको सुनाएंगे अभी,
फिर ना आना हम,फिर ना बुलाएंगे कभी,
तेरे भक्तो की, लाज को बचाने आजा,
आज की रात, माँ वीणा को बजाने आजा,
मेरी मां शारदे, तू स्वर को सजाने आजा,
आज की रात माँ वीणा को बजाने आजा,
आजा आजा आजा ओ आजा
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे | सरस्वती माता भजन लिरिक्स
स्थाई –
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे |
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे ||
अंतरा –
1. वीणा वादिनि माँ शारदे,
पुस्तक धारिणी माँ शारदे |
वीणा वादिनि माँ शारदे,
पुस्तक धारिणी माँ शारदे ||
त्रुटि पूर्ण वाणी मेरी इसको तू ही सुधारे ||
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे ||
2. वीणा बजाकर माँ शारदे,
मेरा गीत अमर कर माँ शारदे |
वीणा बजाकर माँ शारदे,
मेरा गीत अमर कर माँ शारदे ||
पुकारे ये भक्त तुझको, मन में तू ही विराजे ||
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे ||
3. पाप की कोई न हो बाते माँ,
बंधन न झूठ का हो कोई माँ |
पाप की कोई न हो बाते माँ,
बांध न झूठ का हो कोई माँ ||
अज्ञान को मिटाकर मन ज्ञान तू ही भर दे ||
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे | -2
ओ मैया हम तो हैं बालक तेरे माँ शारदे
यहाँ माँ शारदे माँ शारदे – लखबीर सिंह (लख्खा), Maa Sharde Lyrics दिया गया है |
वर दे वीणावादिनि वर दे | सरस्वती माता भजन लिरिक्स
यहाँ वर दे वीणावादिनि वर दे लिरिक्स, Var De Veena Vadini Lyrics दिया गया है-
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे ||
काट अंध-उर के बंधन-स्तर,
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर,
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर |
जगमग जग कर दे ||
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे ||
नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव,
नव नभ के नव विहग-वृंद को,
नव पर, नव स्वर दे ||
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे ||
माँ सरस्वती तेरे चरणों में | सरस्वती माता भजन लिरिक्स
माँ सरस्वती तेरे चरणों में,
हम शीश झुकाने आयें है |
दर्शन की भिक्षा लेने को,
दो नयन कटोरे लाए हैं ||
अज्ञान अंधेरा दूर करो और,
ज्ञान का दीप जला देना |
हम ज्ञान की शिक्षा लेने को,
माँ द्वार तिहारे आए हैं ||
हम अज्ञानी बालक तेरे,
अज्ञान दोष को दूर करो ||
बहती सरिता विद्या की,
हम उसमें नहाने आए हैं ||
हम साँझ सवेरे गुण गाते,
माँ भक्ति की ज्योति जला देना |
क्या भेंट करु उपहार नहीं,
हम हाथ पसारे आए हैं ||
माँ सरस्वती तेरे चरणों में,
हम शीश झुकाने आयें है |
दर्शन की भिक्षा लेने को,
दो नयन कटोरे लाए हैं ||
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पवन शास्त्री ( सुर सरिता भजन )
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