यहाँ Ram Ram Rom Rom Lyrics, राम राम रोम रोम लिरिक्स और इसका हिंदी में नोटेशन भी दिया जा रहा है | Ram Ram Rom Rom Lyrics, राम राम रोम रोम लिरिक्स बहुत ही प्यारा भजन है | Raag Ahir Bhairav Bhajan – Madhup Mudgal Bhajan
Ram Ram Rom Rom Lyrics | राम राम रोम रोम लिरिक्स | Raag Ahir Bhairav Bhajan Lyrics
All Topics - विषय सूची
Ram Ram Rom Rom Lyrics
यहाँ Ram Ram Rom Rom Lyrics, राम राम रोम रोम लिरिक्स दिया गया है –
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम है भैया,
राम की दुहाई है ||
जिन्ह वे सो दीन्हो तन,
ताही से लगायो मन |
जिन्ह वे सो दीन्हो तन,
ताही से लगायो मन |
सारे जन बन्धु यह,
झूठी चतुराई है ||
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम है भैया,
राम की दुहाई है ||
धाई धाई किये धाम,
अंत को न कोई काम |
धाई धाई किये धाम,
अंत को न कोई काम |
काहे को दुखाई गण,
गण सनसाई है ||
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम है भैया,
राम की दुहाई है ||
जाई देखो कहाँ हाथी,
कौन का को भयो साथी |
जाई देखो कहाँ हाथी,
कौन का को भयो साथी |
होवे काम रूप जन,
जालिम कसाई है ||
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम है भैया,
राम की दुहाई है ||
कहे मलूकदास बात,
मेरी मान लीजे |
निरवंत काल तेरो,
कोई न सहाई है |
राम राम रोम रोम,
मन चित्त राम राम |
राम राम है भैया,
राम की दुहाई है ||
यहाँ Ram Ram Rom Rom Lyrics विडियो देखें –
Ram Ram Rom Rom Sargam Notes | राम राम रोम रोम सरगम नोट्स | Raag Ahir Bhairav Bhajan
- इस Ram Ram Rom Rom Sargam Notes में लगाने वाले स्वर इस प्रकार से हैं –
- मंद्र सप्तक में एक कोमल नि फिर मध्य सप्तक में सा, रे कोमल, ग, म, प, ध एवं नि कोमल और तार सप्तक का सां का प्रयोग किया गया है |
- इस भजन में रे, ध और नि पूर्णतः कोमल है, इसलिए कोमल स्वरों के लिए किसी भी चिन्ह का प्रयोग नहीं किया गया है |
- अतः यह भजन राग अहिर भैरव में है |
यहाँ Ram Ram Rom Rom Sargam Notes दिया गया है –
राम राम रोम रोम
गग मप पप पप
मन चित्त राsम राsम
पध पध पमप मगग
राम राम रोम रोम…
राम राsम है भैया
गग प-म ग रेरे
राम की दुहाई है
गग रे सासासा सा
राम राsम है भैया
साम मपम ग रेरे
राम की दुहाई है
गग रे सासासा सा
जिन्ह वे सो दीन्हो तन
गग म प पप पप
ताही से लगाsयो मsन
पध प धपमप मगग
जिन्ह वे सो दीन्हो तन…
सारे जन बन्धु यह
गग पम मग रेरे
झूsठी चतुराई है
गगरे सासासा सा
राम राम रोम रोम
गग मप पप पप
मन चित्त राsम राsम
पध पध पमप मगग
राम राम रोम रोम…
धाई धाई किये धाम
गम पप पप प-
अंत को न कोsई काम
पध प ध पमप मग
धाई धाई किये धाम…
काहे को दुखाई गण
गग प ममग रेरे
गण सनसाई है
गग रेसासासा सा
राम राम रोम रोम
गग मप पप पप
मन चित्त राsम राsम
पध पध पमप मगग
राम राम रोम रोम…
जाई देखो कहाँ हाथी
गग मप पप पप
कौन का को भsयो साsथी
पध प ध पमप मगग
जाई देखो कहाँ हाथी…
होवे काम रूप जन
गग पम मग रेरे
जालिम कसाई है
गगरे सासासा सा
राम राम रोम रोम
गग मप पप पप
मन चित्त राsम राsम
पध पध पमप मगग
राम राम रोम रोम…
कहे मधुप दास बात
गग मप पप पप
मेरी मान लीss जेss
पध पध पमप मगग
कहे मलूकदास बात…
निरवंत काल तेरो
गगपम मग रेरे
कोई न सहाई है
गग रे सासासा सा
राम राम रोम रोम
गग मप पप पप
मन चित्त राsम राsम
पध पध पमप मगग
राम राम रोम रोम…
राम राsम है भैया
गग प-म ग रेरे
राम की दुहाई है
गग रे सासासा सा
राम राsम है भैया
साम मपम ग रेरे
राम की दुहाई है
गग रे सासासा सा
राम राम रोम रोम
गग मप पप पप
मन चित्त राsम राsम
पध पध पमप मगग
Ram Ram Rom Rom Lyrics
आशा करता हु कि Ram Ram Rom Rom Lyrics, राम राम रोम रोम लिरिक्स अच्छा लगा होगा अगर आपको Ram Ram Rom Rom Lyrics अच्छा लगा तो –
पद की अंतिम पाँत में शब्द “कहे मधूपदास”नहीं होगा ये शब्द हैं मलूकदास…
और इस पद के रचयिता हैं “संत मलूकदास” स्वर रचना “भैय्याजी”की है।
भैय्याजी कभी दूसरों की ख्याति अपने नाम नही करते!
आपके मूल्यवान सुझाव के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद |
आदरणीय शास्त्री जी,
ऊपर कमेन्ट में श्री ‘प्रिय रंजन’ द्वारा इंगित की गई त्रुटि के अतिरिक्त अन्य छंदों में भी कहीं-कहीं त्रुटियां हैं। यदि उनका भी निवारण सम्भव हो तो पाठकों व श्रोतागण के लिए लाभकारी होगा।
-सविनय निवेदन
त्रुटियां बताने के लिए धन्यवाद |